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Machine Learning क्या है? - मशीन लर्निंग

Machine Learning क्या है?

Machine Learning (ML) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक हिस्सा है जो किसी प्रोग्रामर द्वारा स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए बिना कंप्यूटर या मशीनों को किसी विशेष कार्य को करने के लिए प्रशिक्षित करता है। यह एल्गोरिदम और एकत्रित डेटा की मदद से कंप्यूटर को प्रशिक्षित करता है। मशीन लर्निंग मशीनों को सीखने की क्षमता देता है।

सरल शब्दों में मशीन लर्निंग अपने अनुभव और इनपुट डेटा के आधार पर किसी समस्या के आउटपुट का अनुमान लगाता है। मशीन लर्निंग के कुछ सामान्य उपयोग में स्पैम डिटेक्शन, वेब सर्च इंजन रैंकिंग, सोशल मीडिया में सिफारिश प्रणाली आदि शामिल हैं।

Machine Learning (ML) Kya Hai?

क्या मशीन लर्निंग महत्वपूर्ण है?

मशीन लर्निंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें बड़ी मात्रा में डेटा को समझने और उसमें उपयोगी जानकारी खोजने में मदद करता है। मशीन लर्निंग एक ऐसे कार्य को स्वचालित करने में भी मदद करता है जिसे हमें बार-बार करने की आवश्यकता होती है। Google, Facebook, Microsoft Azure आदि जैसी बड़ी कंपनियाँ अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए मशीन लर्निंग का सक्रिय रूप से उपयोग करती हैं। डेटा साइंस और डेटा एनालिटिक्स में मशीन लर्निंग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मशीन लर्निंग कितने प्रकार की होती है?

मुख्य रूप से मशीन लर्निंग को चार प्रकारों में बांटा गया है: सुपरवाइज्ड लर्निंग, अनसुपरवाइज्ड लर्निंग, रीइन्फोर्समेंट लर्निंग और सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग। ये प्रकार मशीन को दिए गए फीडबैक या डेटा पर आधारित होते हैं। दिए गए डेटा का विश्लेषण करने के बाद हम तय करते हैं कि किस प्रकार की मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करना है।

  • सुपरवाइज्ड लर्निंग: सुपरवाइज्ड लर्निंग एक मशीन प्रशिक्षण तकनीक है जो "labeled" प्रशिक्षण डेटा पर काम करती है। इस मशीन लर्निंग तकनीक में मशीन प्रशिक्षण के समय इनपुट और आउटपुट दोनों को जानती है। इस तकनीक में, एल्गोरिदम डेटा वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए variables के बीच संबंध का पता लगाते हैं। डेटा एक पर्यवेक्षक (supervisor) की तरह काम करता है और सही निर्णय लेने में मशीन की मदद करता है।
  • अनसुपरवाइज्ड लर्निंग: अनसुपरवाइज्ड लर्निंग एक मशीन को "unlabeled" प्रशिक्षण डेटा के साथ प्रशिक्षित करता है। इस तकनीक में कोई सुपरवाइजर नहीं है। मशीन डेटा में छिपे हुए संबंधों और पैटर्न को अपने आप ढूंढती है, और हमें आउटपुट देती है।
  • सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग: यह सुपरवाइज्ड लर्निंग और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग के बीच आता है, इसमें हम डेटासेट का उपयोग करते हैं जिसमें बड़ी मात्रा में "unlabeled" डेटा के साथ "labeled" डेटा की छोटी मात्रा होती है।
  • रीइन्फोर्समेंट लर्निंग: डेटा वैज्ञानिक एक बहु-चरणीय समस्या को हल करने के लिए रीइन्फोर्समेंट लर्निंग की तकनीक का उपयोग करते हैं। रीइन्फोर्समेंट लर्निंग ऐसे वातावरण में काम करता है जिसका एक निर्धारित लक्ष्य होता है जैसे पहेली को सुलझाना, चलना सीखना आदि। इसमें हम मशीन के निर्णय के आधार पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

सुपरवाइज्ड लर्निंग क्या है और यह कैसे काम करती है?

सुपरवाइज्ड लर्निंग मशीन को स्वचालित करने के लिए लेबल किए गए प्रशिक्षण डेटा का उपयोग करता है। इस तकनीक में हम मशीन को इनपुट और आउटपुट दोनों देते हैं। सरल शब्दों में, मशीन प्रश्न और उत्तर दोनों के बारे में जानती है। डेटा को "Tags" और "Classes" की सहायता से label किया जाता है।

सुपरवाइज्ड लर्निंग उन एल्गोरिदम के साथ काम करता है जो मशीन स्वचालन के लिए लेबल किए गए डेटा का उपयोग करते हैं। सुपरवाइज्ड लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

  • Classification: डेटा को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करना। वर्गीकरण दो प्रकार का होता है बाइनरी (जैसे सही या गलत) और बहु-वर्ग वर्गीकरण (जैसे वजन और ऊंचाई)।
  • Regression: मौसम पूर्वानुमान जैसे निरंतर मूल्यों की भविष्यवाणी करना।

अनसुपरवाइज्ड लर्निंग क्या है और यह कैसे काम करती है?

अनसुपरवाइज्ड लर्निंग मशीन को प्रशिक्षित करने के लिए unlabeled डेटा का उपयोग करता है। मशीन आउटपुट नहीं जानती है। मशीन एल्गोरिथम के साथ डेटा का विश्लेषण करती है और सही आउटपुट का पता लगाने के लिए डेटा में छिपे हुए सुराग ढूंढती है।

अनसुपरवाइज्ड लर्निंग डेटासेट में समान डेटा ढूंढता है और उसका एक समूह बनाता है। Neural Networks अनसुपरवाइज्ड लर्निंग का एक उदाहरण है। इस तकनीक का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

  • Clustering: समानता के आधार पर डेटा समूहीकृत करना।
  • Association: ऐसी वस्तुएँ ढूँढना जो अक्सर एक-दूसरे के साथ होती हैं या जिनका संबंध है, जैसे कि यदि कोई व्यक्ति ब्रेड खरीदता है तो उसके जैम खरीदने की बहुत संभावना है।

सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग क्या है और यह कैसे काम करती है?

सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग एक मॉडल को एक तरह के डेटासेट के साथ प्रशिक्षित करता है जिसमें "लेबल" डेटा की छोटी मात्रा और बड़ी मात्रा में "अनलेबल" डेटा होता है। यह लेबल किए गए डेटा से चर में संबंध ढूंढता है और फिर इसे बिना लेबल वाले डेटा पर लागू करता है। इसमें सुपरवाइज्ड लर्निंग की सटीकता और अनसुपर्वाइज्ड लर्निंग की दक्षता दोनों हैं। सेमी-सुपरवाइज्ड लर्निंग तकनीक का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

  • Translation: शब्दकोश से शब्द डेटा के आधार पर पाठ का अनुवाद करना।
  • Text Document classifier: विभिन्न दस्तावेजों का वर्गीकरण।
  • Fraud Detection: कुछ उदाहरणों की सहायता से धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाना।

रीइन्फोर्समेंट लर्निंग क्या है और यह कैसे काम करती है?

रीइन्फोर्समेंट लर्निंग एक मशीन को सिखाता है कि निश्चित नियमों के साथ वातावरण में किसी कार्य को कैसे किया जाए। यह फीडबैक पर काम करता है। सकारात्मक प्रतिक्रिया का अर्थ है कि उसने सही निर्णय लिया, और नकारात्मक प्रतिक्रिया का अर्थ है कि उसने एक खराब निर्णय लिया। रीइन्फोर्समेंट लर्निंग अधिकतम सकारात्मक प्रतिक्रिया मार्ग का अनुसरण करता है। सरल शब्दों में, रीइन्फोर्समेंट लर्निंग परीक्षण और त्रुटि से सीखता है। इसका उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जा सकता है:

  • Teaching Robots: रोबोटिक्स में, रोबोट को इंसानों या जानवरों की तरह चलना और काम करना सिखाने के लिए।
  • Video Games Gameplay: बॉट्स को कई वीडियो गेम खेलना सिखाना।

मशीन लर्निंग के उपयोग क्या हैं?

मशीन लर्निंग का इस्तेमाल Google से लेकर Games तक कई तरह के एप्लिकेशन के लिए किया जा रहा है। कई कंपनियां अपने दैनिक कार्य के लिए मशीन लर्निंग पर निर्भर करती हैं। मशीन लर्निंग का उपयोग स्पैम का पता लगाने, समाचार फ़ीड, सोशल मीडिया, गेमप्ले, रोबोटिक्स आदि के लिए किया जा रहा है।

Facebook recommendation इंजन भी मशीन लर्निंग का एक लोकप्रिय उदाहरण है जहां यह प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए उनकी रुचियों और गतिविधि के आधार पर कस्टम फ़ीड दिखाता है।

मशीन लर्निंग के विस्तृत उपयोग नीचे दिए गए हैं:

  • Spam Mail Detection: स्पैम ईमेल का पता लगाने और उन्हें हटाने के लिए जीमेल और हॉटमेल जैसी ई-मेलिंग सेवाओं द्वारा मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।
  • Virtual Assistant: वर्चुअल या स्मार्ट असिस्टेंट जैसे Apple का Siri, Google Assistant, Microsoft का Cortana, Amazon का Alexa बेहतर वॉयस कमांड और इंटरनेट से परिणाम प्राप्त करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।
  • Self-Driving Cras: सेल्फ ड्राइविंग कार वो कार होती हैं जिनमें आपको बस बैठना होता है और ये आपको आपकी मंजिल तक ले जाती हैं।
  • Gameplay: मशीन लर्निंग कंप्यूटर प्रोग्राम को शतरंज, PUBG आदि गेम खेलना सिखाती है। वे कभी-कभी इंसानी खिलाड़ियों से भी बेहतर खेलते हैं।
  • Data Analysis: मशीन लर्निंग का उपयोग करके बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जो अन्यथा करना कठिन और थका देने वाला होता है।

मशीन लर्निंग का संक्षिप्त इतिहास

मशीन लर्निंग के शुरुआती निशान वर्ष 1642 में पाए जा सकते हैं, जहां Blaise Pascal ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया था जो जोड़, घटाना, गुणा और भाग जैसे सरल अंकगणित कर सकती है। 1959 में, Arthur Samuel ने checkers गेम खेलने के लिए एक प्रोग्राम बनाया, जो अपने स्वयं के गेमप्ले को बेहतर बनाने में सक्षम था। यह मशीन लर्निंग की शुरुआत थी।

वास्तविक दुनिया में पहली बार मशीन लर्निंग का इस्तेमाल फोन लाइनों से गूंज को हटाने के लिए किया गया था। यह कृत्रिम neural network द्वारा हासिल किया गया था, जिसका नाम MADALINE था। 1997 में IBM के डीप ब्लू ने शतरंज के ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव को हराया। 2012 में Google का अनसुपरवाइज्ड न्यूरल नेटवर्क 74.8% सटीकता के साथ YouTube वीडियो में बिल्लियों को पहचानने में सक्षम था।

Google के AlphaGo ने 2014 में Go (game) में मानव चैंपियन को हराया। 2019 में Amazon Alexa 70% की बाजार हिस्सेदारी के साथ बहुत लोकप्रिय वर्चुअल असिस्टेंट बन गया।

मशीन लर्निंग का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से क्या संबंध है?

मशीन लर्निंग (एमएल) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का एक हिस्सा है। मशीन लर्निंग में हम मशीन को एक विशिष्ट कार्य करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मानव की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता होती है। मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दो सबसेट हैं।

मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बीच अंतर यह है कि मशीन लर्निंग में इंसानों की तरह तर्क करने की क्षमता नहीं है, लेकिन एआई में वह क्षमता है।

मशीन लर्निंग के फायदे और नुकसान क्या हैं?

डिजिटल और वास्तविक दुनिया में मशीन लर्निंग के कई उपयोग हैं। आजकल इसका इस्तेमाल सेल्फ डाइविंग कारों से लेकर वेबसाइट बनाने तक कई कामों के लिए किया जाता है। यहां आप मशीन लर्निंग के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।

मशीन लर्निंग के फायदे, मशीन लर्निंग से आप अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए अपने ग्राहकों के डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं। मशीन लर्निंग उत्पादों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खुद को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह आपको अपने दर्शकों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। Google आपको रिलेवेंट विज्ञापन दिखाने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।

मशीन लर्निंग के कुछ नुकसान भी हैं जैसे इसे लागू करना महंगा है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में डेटा और पेशेवर डेटा वैज्ञानिक की आवश्यकता होती है। मशीन लर्निंग डेटा में त्रुटियों को संभाल नहीं सकता है, यदि डेटा में कुछ त्रुटियां हैं तो इसका परिणाम एक गलत मॉडल होगा।

मशीन लर्निंग का आविष्कार किसने किया?

IBM के एक कर्मचारी Arthur Samuel को मशीन लर्निंग शब्द का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने एक ऐसा प्रोग्राम बनाया जो Checkers गेमप्ले में खुद को बेहतर बना सकता था।

मशीन लर्निंग मॉडल क्या है?

मशीन लर्निंग में, मॉडल एक प्रोग्राम है जो किसी समस्या को हल करने के लिए एल्गोरिदम की मदद से मशीन द्वारा बनाया जाता है। इसे डेटा के साथ प्रशिक्षित किया जाता है, और यह मशीन के अनुभव के साथ बेहतर होता है।

मशीन लर्निंग के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषाएं कौन सी हैं?

मशीन लर्निंग के लिए उपयोग की जाने वाली दो सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषाएं Python और R हैं। अन्य प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं: Java, Javascript, Julia आदि।

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